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Lyrics
नीला आकाश जो इक समंदर है
उसमें कहीं कोई ऐसा सितारा भी है
जिसमें दूसरी इक दुनिया हो बसी
जिसमें हो जागती ज़िन्दगी
पर हमसे अलग हमसे जुदा
एक निशाँ भी ना हो जहाँ दर्द का
जीना जहाँ हो नहीं मुश्किल

कोई रोता ना हो
चैन खोता ना हो
हो ये सबको यकीं
कोई तन्हा नहीं
ना कभी टूटे किसी का दिल

वो जहाँ कोई दुःख हो ना हो कोई ग़म
वो जहाँ पलकें ना हों नम
दिलों में हो ना दीवारें ना दूरियां
वो जहां पूरे हो अरमां

सबको हो ये पता
सब दिलों में मोहब्बत एक गहरी धारा भी है
नीले आकाश में
कोई ऐसा सितारा भी है

नीले आकाश के इस समंदर का
चाँद की कश्ती में मैंने किया है सफ़र
ढूँढती हो अगर तुम जो दुनिया हसीं
वो दुनिया है यहीं
वो यहीं है कहीं
हाँ मगर उसके चेहरे पर
नफ़रत की ज़ुल्म की
एक धुल है जम गयी

हाँ मगर उसके तन पे लिपटी
लालच की है ज़ंजीर तो
वो दुनिया आते आते थम गयी

उसके चेहरे से ये धुल हट जाए तो
उसके तन से ये ज़ंजीर कट जाए तो
देखना फिर यहाँ
इस ज़मीं पर ही होगी वो दुनिया

वो जहाँ कोई दुःख हो ना हो कोई ग़म
वो जहाँ पलकें ना हों नम
दिलों में हो ना दीवारें ना दूरियां
वो जहाँ पूरे हो अरमां

मुस्कुराती हो चेहरों पे एक रौशनी
ज़िन्दगी हो मोहब्बत भरी ज़िन्दगी

वो ओ
वो ओ
वो ओ
वो ओ

WRITERS

Javed Akhtar

PUBLISHERS

Lyrics © Raleigh Music Publishing LLC, RALEIGH MUSIC PUBLISHING

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